आल्हा - पाठ : केदारनाथ सिंह व नामवर जी की उपस्तिथि में

आल्हा - पाठ : केदारनाथ सिंह व नामवर जी की उपस्तिथि में

Sunday, May 4, 2014

मेरा बेटा (2011)

मेरा बेटा चंचल है
वह स्कूल से निकलते समय
दोस्तों के पीछे से टीप लगाने
उनकी आँखें बंद कर उन्हें डरा देने और
चलते - चलते पीछे से टंगड़ी फँसा कर
उन्हें गिरा देने से नहीं चूकता।

मेरा बेटा खिलंदड़ है
लेकिन खेल में मेहनत करना उसकी फ़ितरत में नहीं
वह बिना फील्डिंग किए ही घंटों क्रिकेट खेलता है
बिना आगे - पीछे दौड़े - भागे ही घंटों फुटबाल भी खेलता है
साइकिलिंग में उसकी ट्रैक
सड़क के गड्ढों ही गड्ढों से होकर गुजरती है
नतीजा, आज ब्रेक टूटी है, तो कल गद्दी,
आजकल उसकी सारी इच्छाओं का अंत
एक गियर वाली साइकिल की मांग पर आकर ही होता है।

मेरा बेटा भावुक है
वह पोगो व कार्टून नेटवर्क के सीरियलों को देखते समय
किसी को भी अपनी माँ से बिछुड़ते देख कर
रुँवासा हो जाता है,
वह किसी भी ऐसे मौके पर हमारे पास तक नहीं फटकता
जहाँ भावुकता का वातावरण होना हो,
वह ग्रुप फोटो खिंचवाने के लिए भी कभी ढूँढ़े नहीं मिलता,
शायद उसे अंदाजा हो गया है कि
ये फोटो ही तो आगे चलकर
सबसे ज्यादा ज़ज़्बात जगाने वाले होते हैं।

मेरा बेटा फैशनपरस्त है
लेकिन फैशन करने की उसकी अपनी ही स्टाइल है
वह कभी भी टी - शर्ट को पैंट या शार्ट्स के बाहर नहीं रखता,
हाल ही में बहन की शादी के मौके पर वह
लंबी नोक वाले जूते तथा शाइनिंग फैन्सी सूट लेकर ही माना था,
वह घर वालों के सामने तो सलमान खान बन जाता है
लेकिन किसी बाहर वाले के सामने क्या मजाल कि
कोई उसकी नंगी देह देख ले,
आस - पास यदि कोई लड़की हो तो वह कपड़े तक नहीं बदलता और
जाड़े की ठिठुरन में भी कोई उसे मंकी कैप पहना कर तो देख ले!

मेरा बेटा होशियार है
वह बड़े से बड़े पज़िल चुटकियों में हल करता है
कठिन से कठिन वीडियो गेम में
झट से टॉप स्कोर पर पहुँच जाता है
उसे यह भी मालूम है कि
किताबी ज्ञान में कुछ नहीं रखा
इसीलिए वह नोट - बुक में दर्ज़ प्रश्नोत्तर कभी नहीं याद करता
लेकिन फ़ेसबुक पर हर सवाल का बड़ी तत्परता से जवाब देता है,
गणित का गुणा - भाग खूब भाता है उसे
बहुत रुचि है कारों में उसकी
मेरे बैंक - बैलेन्स में भी
लेकिन जरा भी रुचि नहीं
समाज - शास्त्र या भाषा के अध्यायों में।

मेरा बेटा समझदार है
वह मम्मी की भावनाओं का रखवाला है
मम्मी के बजाय वही फोन करता है मुझे
शाम को दफ़्तर में देर क्यों हो रही है यह पूछने के लिए,
वही मना करता है मुझे
दोस्तों के साथ शाम बाहर बिताने के लिए,
उसी ने वर्जित कर रखा है
शाम को घर में अकेले बैठ कर
मूड ठीक करने के अनुचित उपाय करने से,
वही तरेरता है आँखें बाहर की पार्टियों में भी
मेरे हाथों में मदिरा का गिलास थमा देखते ही।

मेरा बेटा अकेले में हमेशा ही
मेरा मार्गदर्शी बनने की कोशिश करता है
मेरे सामने ऐसी युक्तियों के सुझाव पेश कर - कर के
जिससे नाराज़ न हों मम्मी कभी भी पापा के प्रति और
भरा रहे घर का वातावरण सदा ही सद्भावों से
पापा और मम्मी की किसी भी नोक - झोक में,
वह हमेशा ही सिद्ध करता है अपने आप को
मम्मी की बातों का प्रबल पक्षधर
और मम्मी की वक्रदृष्टि देखते ही
तत्काल त्याग देता है वह
अपनी बड़ी से बड़ी लालसा व शैतानी,
वह अक्सर लताड़ने लगता है पापा को
मम्मी के रटे - रटाए ज़ुमले सुना कर
ताकि खुश हो जाएँ उसके सामने बैठी मम्मी,
लेकिन पीठ पीछे वह हमेशा ही पिघलता रहता है आइसक्रीम - सा

पापा के प्रति स्नेह की गरमाहट का मधुर अहसास जगाता हुआ।

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