आल्हा - पाठ : केदारनाथ सिंह व नामवर जी की उपस्तिथि में

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Sunday, May 4, 2014

नेल्सन मंडेला! (2013)

तुमने बदली हवाओं की गंध
तुमने बदला आसमानों का रंग
तुमने रच दिए काले कैनवास पर
भावनाओं में डूबे रंग - बिरंगे चित्र
तुमने बदल दिया दुनिया का सौन्दर्य - बोध
                
तुमने रंग-भेदियों की राक्षसी कारा में बैठे - बैठे
श्रेष्ठता के दंभ में मनुष्यत्व खो चुके
विश्व के आधे से ज्यादा लोगों को
मनुष्य बनकर जीना सिखा दिया,

तुम्हारे उपकार याद किए जाएँगे सदियों तक!
नेल्सन मंडेला, इस दुनिया में अमर रहेगा तुम्हारा नाम!

तुम्हें इस बदली हुई दुनिया का अंतिम प्रणाम! 

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